Rajshri Yojana मुख्यमंत्री लाडो योजना अब बेटियों पैदा होते ही बनेगी लखपति
भारत के कई राज्यों में ‘मुख्यमंत्री लाडो योजना’ चलाई जाती है। यह योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
इस खंड में हम मुख्यमंत्री लाडो योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

Rajshri Yojana मुख्यमंत्री लाडो योजना प्रमुख उपलब्धियाँ
- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना
- महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करना
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा
- बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना
- समाज में बालिकाओं की स्थिति को बेहतर बनाना
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मुख्यमंत्री लाडो योजना का परिचय और उद्देश्य
मुख्यमंत्री लाडो योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना बालिका शिक्षा और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने का काम करती है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में लिंग अनुपात को सुधारना और बालिकाओं को अधिक शिक्षित करना है।
राजस्थान सरकार द्वारा बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने, उनके स्वास्थ्य एवं शैक्षिक स्तर में सुधार लाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए 01 जून 2016 को मुख्यमंत्री लाडो योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ राज्य की उन सभी बालिकाओं को मिलेगा जिनका जन्म 1 जून 2016 के बाद हुआ है।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा
इस योजना ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बालिकाओं को शैक्षिक खर्चों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इससे वे स्कूल में बनी रह सकती हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं।
Rajshri Yojana महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना भी इस योजना का एक उद्देश्य है। बालिकाओं को मासिक छात्रवृत्ति, फ्री यूनिफार्म और स्कूल बैग दिए जाते हैं। इससे कम आय वाले परिवारों की बालिकाएं स्कूल में बनी रह सकती हैं और उनका सशक्तीकरण होता है।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री लाडो योजना राजस्थान में बालिका शिक्षा और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण माध्यम है। यह योजना समाज में लिंग समानता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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Rajshri Yojana योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभ और सहायता राशि
राजस्थान में अब बेटी के पैदा होते ही लखपती बनना तय है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दीपावली से पहले बेटियों को बड़ा तोहफा दिया है। लाडो प्रोत्साहन योजना में सीएम भजनलाल ने बेटियों को दी जाने वाली राशि को दोगुना कर दिया है। पहले जहां मुख्यमंत्री लाडो योजना के तहत बेटियों को 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती थी लेकिन पिछले दिनों इस राशि को बढाकर एक लाख रुपए कर दिया है। योजना का नाम लाडो से बदलकर लाडो प्रोत्साहन कर दिया गया है। नाम बदलने के साथ ही राशि को दोगुना कर दिया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। शर्तें पूरी करने वाली बालिकाओं को सात किस्तों में पूरे एक लाख रुपए मिलेंगे।
- वित्तीय लाभ हैं
लाभ प्रदान करने का समय | लाभ की राशि |
जन्म के समय | ₹2,500/- |
टीकाकरण के 1 वर्ष बाद | ₹2,500/- |
प्रथम कक्षा में प्रवेश पर | ₹4,000/- |
छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर | ₹5,000/- |
दसवीं कक्षा में प्रवेश लेने पर | ₹11,000/- |
कक्षा 12वीं में प्रवेश लेने पर | ₹25,000/- |
7. सातवीं किस्त स्नातक होने और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर। | ₹50,000 /- |
लाडो योजना बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। लाभार्थियों को नकद सहायता के साथ-साथ अन्य लाभ भी मिलते हैं। जैसे कि मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा ऋण गारंटी और पेंशन।
पात्रता
- बालिका राजस्थान की निवासी होनी चाहिए।
- उसका जन्म 1 जून 2016 को या उसके बाद हुआ होना चाहिए।
- बालिका का जन्म जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के साथ पंजीकृत सरकारी या निजी चिकित्सा संस्थान में होना चाहिए।
- केवल दो बालिकाएं ही पात्र होंगी।
- लड़की के माता-पिता के पास आधार कार्ड और भामाशाह कार्ड होना चाहिए।
- माता-पिता का भामाशाह/आधार कार्ड।
- लाभार्थी बालिका का आधार कार्ड।
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
- स्कूल प्रवेश प्रमाण पत्र.
- मोबाइल नंबर.
- 12वीं कक्षा की अंकतालिका (यदि लागू हो)।
- पासपोर्ट आकार का फोटो आदि।
आवेदन प्रक्रिया
ऑफलाइन
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, साथिनों और आशा सहयोगिनियों को गर्भवती महिलाओं से एएनसी या एमसीबीएन जांच के दौरान भामाशाह कार्ड और लिंक्ड बैंक खाते का विवरण प्राप्त करना चाहिए और उन्हें निकटतम सरकारी अस्पताल में उपलब्ध कराना चाहिए।
- लाभार्थी का विवरण संबंधित एएनएम द्वारा आरसीएच रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए। प्रसव से पहले पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में 100% ऑनलाइन प्रविष्टि सुनिश्चित करें।
- प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी गृह भ्रमण के दौरान महिलाओं से भामाशाह कार्ड की जानकारी लें। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों और आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एमसीएचएन दिवस (टीकाकरण दिवस) पर उन गर्भवती महिलाओं को भामाशाह कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें जिन्होंने अभी तक भामाशाह कार्ड नहीं बनवाया है।
- सभी एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन एवं आशा सहयोगिनियों द्वारा ऐसी लाभार्थी महिलाओं को जो भामाशाह में नामांकित नहीं हैं, प्रेरित किया जाए कि वे अपने निकटतम ई-मित्र केन्द्र से भामाशाह कार्ड प्राप्त करें तथा निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र या सरकारी अस्पताल में विवरण उपलब्ध कराएं।
- महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं एवं मानदेय कार्यकर्ताओं के माध्यम से उपरोक्त के सम्बन्ध में गहन प्रचार-प्रसार कराया जाए।