Virasat Online Apply UP 2026: पिता की मृत्यु के बाद खतौनी में नाम कैसे चढ़ाएं?

परिवार में मुखिया या पिता की मृत्यु एक दुखद घटना होती है। इस कठिन समय में कानूनी कागजी कार्रवाई आखिरी चीज होती है जिसके बारे में आप सोचना चाहते हैं। लेकिन, भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए Virasat (विरासत/वरास्त) दर्ज कराना अत्यंत आवश्यक है।

यदि आप खोज रहे हैं कि Khatauni me naam kaise chadhaye (खतौनी में नाम कैसे चढ़ाएं) या Virasat Online Apply कैसे करें, तो यह गाइड आपके लिए है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने अब “वरास्त अभियान” के तहत इस प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बना दिया है। अब आप घर बैठे अपनी जमीन अपने नाम करवाने (नामांतरण) के लिए आवेदन कर सकते हैं।


Virasat (वरास्त) क्या है और यह क्यों जरूरी है?

आसान भाषा में, जब किसी भू-स्वामी (Landowner) की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी जमीन का मालिकाना हक उसके कानूनी वारिसों (बेटे, बेटी, पत्नी) को हस्तांतरित करना ‘विरासत’ (Inheritance) कहलाता है।

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अगर आप समय पर वरास्त नहीं कराते हैं, तो:

  1. आप जमीन बेच नहीं सकते।
  2. केसीसी (KCC) या बैंक लोन नहीं मिल सकता।
  3. पीएम किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ रुक सकता है।
  4. भविष्य में परिवार में बंटवारे को लेकर झगड़े हो सकते हैं।

Virasat दर्ज कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required)

आवेदन करने से पहले ये दस्तावेज तैयार रखें। इसके बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होगी:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate): यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
  • परिवार रजिस्टर की नक़ल (Parivar Register Copy): यह साबित करने के लिए कि आप मृतक के कानूनी वारिस हैं।
  • आधार कार्ड: सभी वारिसों का।
  • खतौनी की नक़ल: मृतक की जमीन का विवरण।
  • मोबाइल नंबर: OTP वेरिफिकेशन के लिए।

Virasat Online Apply UP: आवेदन की पूरी प्रक्रिया (Step-by-Step)

उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग (Revenue Department) ने vaad.up.nic.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सुविधा दी है।

स्टेप 1: आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ

सबसे पहले राजस्व न्यायालय कंप्यूटर प्रबंधन प्रणाली (Revenue Court Computerized Management System) की वेबसाइट vaad.up.nic.in पर जाएँ। या फिर आप upbhulekh.gov.in पर जाकर “उत्तराधिकार / वरास्त हेतु आवेदन” लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

स्टेप 2: मोबाइल नंबर सत्यापित करें

लिंक पर क्लिक करने के बाद, आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा। आपके फोन पर एक OTP आएगा, जिसे भरकर आगे बढ़ें।

स्टेप 3: फॉर्म भरें (प्रविष्टि)

आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें 4 मुख्य भाग होंगे:

  1. आवेदक का विवरण: अपना नाम, पिता का नाम और आधार नंबर भरें।
  2. मृतक का विवरण: जिनकी मृत्यु हुई है, उनका नाम, मृत्यु की तारीख (Death Certificate के अनुसार) और उनका पता भरें।
  3. जमीन का विवरण: जिला, तहसील, परगना और गाँव चुनें जहाँ जमीन स्थित है। फिर खतौनी खाता संख्या या गाटा संख्या डालकर जमीन सेलेक्ट करें।
  4. वारिसों का विवरण: मृतक के जितने भी वारिस हैं (पत्नी, बच्चे), उन सभी के नाम, उम्र और मृतक से संबंध (जैसे- पुत्र/पुत्री) एक-एक करके जोड़ें (Add करें)।
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स्टेप 4: फाइनल सबमिट (Save)

सारी जानकारी भरने के बाद ‘सुरक्षित करें’ (Save) पर क्लिक करें। आपको एक आवेदन संख्या (Computerized Application Number) मिलेगी। इसे नोट कर लें।


ऑफलाइन प्रक्रिया (Offline Process)

यदि आप इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते, तो पुराना तरीका अभी भी चालू है:

  1. लेखपाल से मिलें: अपने क्षेत्र (हल्का) के लेखपाल से संपर्क करें।
  2. फॉर्म भरें: ‘वरास्त फॉर्म’ (जिसे आर.सी. प्रपत्र-9 भी कहा जाता है) भरें।
  3. दस्तावेज दें: मृत्यु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड की फोटोकॉपी संलग्न करें।
  4. रिपोर्ट: लेखपाल गाँव में आकर जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट कानूनगो/तहसीलदार को भेजेंगे।
  5. आदेश: लगभग 30-45 दिनों के भीतर तहसीलदार के आदेश से खतौनी में आपका नाम चढ़ जाएगा।

वरास्त में कितना समय और फीस लगती है?

विवरणजानकारी
आवेदन का तरीकाऑनलाइन (Vaad Portal) / ऑफलाइन (लेखपाल)
सरकारी शुल्कनाममात्र (निशुल्क या ₹10-20 फॉर्म फीस)
समय सीमा30 से 45 दिन (विवाद न होने पर)
स्टेटस चेकvaad.up.nic.in पर आवेदन संख्या से

💡 MASTER PRO TIP: परिवार रजिस्टर (Family Register) ही असली कुंजी है

बहुत से लोगों का वरास्त आवेदन इसलिए रिजेक्ट (Reject) हो जाता है क्योंकि वे यह साबित नहीं कर पाते कि वे ही मृतक के असली वारिस हैं।

प्रो टिप: आवेदन करने से पहले अपने ग्राम प्रधान या ग्राम पंचायत अधिकारी (Secretary) से मिलकर ‘परिवार रजिस्टर की नकल’ (Family Register Copy) जरूर निकलवा लें। इसमें मृतक और परिवार के सभी सदस्यों का नाम और संबंध स्पष्ट लिखा होता है। लेखपाल इसी को आधार मानकर रिपोर्ट लगाता है। अगर आपके पास यह कागज तैयार है, तो आपका काम चुटकियों में हो जाएगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

पिता या परिवारजन की मृत्यु के बाद Virasat Online Apply करना अब एक सरल प्रक्रिया है। आपको दलालों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। बस मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाएं और ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें।

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याद रखें, सरकार समय-समय पर “विरासत अभियान” चलाती है, उस दौरान आवेदन करने पर नाम बहुत जल्दी चढ़ जाता है। आवेदन करने के बाद बीच-बीच में स्टेटस चेक करते रहें।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: क्या पिता की मृत्यु के बाद बेटियों का नाम भी खतौनी में चढ़ता है?

जी हाँ, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (संशोधन) 2005 और यूपी राजस्व संहिता के अनुसार, पैतृक संपत्ति में बेटियों का बेटों के बराबर ही हक होता है। अविवाहित और विवाहित दोनों बेटियां आवेदन में अपना नाम जुड़वा सकती हैं।

Q2: वरास्त दर्ज होने में कितने दिन लगते हैं?

नियमतः यह प्रक्रिया 30 से 45 दिनों में पूरी हो जानी चाहिए। यदि कोई आपत्ति (Objection) नहीं आती है, तो नाम चढ़ जाता है।

Q3: मेरे पास मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है, क्या मैं आवेदन कर सकता हूँ?

नहीं। वरास्त के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र अनिवार्य है। यदि मृत्यु बहुत पहले हुई थी, तो आपको पहले ग्राम पंचायत या नगर निगम से ‘विलंबित मृत्यु प्रमाण पत्र’ बनवाना होगा।

Q4: ऑनलाइन आवेदन का स्टेटस कैसे चेक करें?

आप vaad.up.nic.in वेबसाइट पर जाकर ‘वाद की स्थिति’ (Case Status) विकल्प में अपना आवेदन नंबर डालकर स्थिति देख सकते हैं।

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